गुप्त काल में जनजीवन (प्राचीन भारत का इतिहास)
शासन प्रणाली मौर्य शासकों के विपरीत, गुप्त राजवंशों ने परमेश्वर, महाराजाधिराज और परमभट्टारक मौ || जैसी आडंबरयुक्त उपाधियाँ अपनाईं। जिनसे यह विदित होता है कि उन्होंने अपने साम्राज्य में … Read More
शासन प्रणाली मौर्य शासकों के विपरीत, गुप्त राजवंशों ने परमेश्वर, महाराजाधिराज और परमभट्टारक मौ || जैसी आडंबरयुक्त उपाधियाँ अपनाईं। जिनसे यह विदित होता है कि उन्होंने अपने साम्राज्य में … Read More
सभ्यता के लक्षण किसी क्षेत्र को तभी सभ्य माना जाता है जब वहाँ पर कुछ बुनियादी विशेषताएँ विकसित ‘हों, जैसे लिखने का ज्ञान, कर संचय की विकसित प्रणाली, धार्मिक, … Read More
हर्ष का साम्राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश स्थित केंद्र से, गुप्त ने उत्तर एवं पश्चिम भारत पर लगभग बि 160 साल तक, अर्थात् छठी शताब्दी के मध्य तक … Read More
नया चरण सन् 300-750 की अवधि विन्ध्य के दक्षिणी क्षेत्रों में दूसरे ऐतिहासिक चरण को सदश सदर्शाती है। इस चरण में भी प्रथम ऐतिहासिक चरण (ई.पू. 200 से सन् … Read More
जीवन का लक्ष्य जब राज्य और वर्णभेद आधारित सामाजिक व्यवस्था मजबूती से स्थापित हो गए तो प्राचीन विचारकों ने व्यक्ति को चार लक्ष्यों की प्राप्ति का सन्देश दिया। ये … Read More
विश्व के अन्य देशों से भारत का सम्बन्ध मध्ययुगीन नीति-निर्माताओं और विभिन्न टीकाकारों ने ने लिखा था कि किसी भी व्यक्ति को समुद्र पार नहीं जाना चाहिए। इससे ऐसा … Read More
संकट और कृषि परिवर्तन चीन भारतीय समाज को मध्ययुगीन समाज में बदलने की मुख्य कारक अन्ततः प्राभूमि अनुदान प्रथा ही थी। यह सहाज में बदलने की मुख्य कारक अन्ततः के … Read More
परिचय हमारे पास पूर्व वैदिक काल के समाज के अध्ययन हेतु कोई लिखित ग्रन्थ उपलब्ध ह नहीं है। किन्तु पुरातत्त्व से हमें जानकारी मिलती है कि पुरापाषाण काल में लोग … Read More
धर्म प्रकृति के साथ मनुष्य के टकराव होने से कई महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटीं। लोगों को अपने जीविकोपार्जन के लिए जंगलों, पहाड़ों, कठोर मिट्टी, सूखे, बाढ़, जंगली जानवरों इत्यादि द्वारा उत्पन्न … Read More
प्राचीन भारत का इतिहास भारतीय सभ्यता की प्राचीनता, इसकी सांस्कृतिक विरासत, और इसके सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक विकास का वर्णन करता है। इसे मुख्यतः तीन चरणों में विभाजित किया जा … Read More